बुधवार, 23 अप्रैल 2025

समझ में न आए तुम कभी


 

मैं एक जैसा हूं


 

नजर-ए-इनायत


 

ये ज़मीं


 

गिरहें


 

ज़िंदगी से आजकल


 

Khamoshi