Monday, August 12, 2019
तलाश है
दिल की दुनिया में रब्बा ये कैसा कर्म है
चाहत के बदले मिलते यहाँ गम हैं
तलाश है एक सुकून भरे लम्हे की
ढूंढ रहा हूँ अनजान राहों में
मिल जाए कतरा-ए-खुशी गर कहीं
भर लूं उसे मैं अपनी बाहों में
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