चल जिंदगी अब तेरे हिसाब से जी लेते हैं कुछ ख़्वाहिशें छोड देते हैं... कुछ सपने बुन लेते हैं
मत समझ
ऐ इंसान जरा अदब से चल
हमारी भी एक दास्ताँ थी
जरा नजर उठा कर तो देख
सूखे हैं
तो क्या हुआ
हम आज भी
ख़ाक करने का होंसला रखते हैं
एक चिंगारी लगा कर तो देख
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